Bebak Baat
जीने भले मत दो . मरने से नही रोक पाओगे
गुरुवार, 19 अप्रैल 2012
वक्त
पढा तो जाउगाँ मै भी एक दिन
लेकिन सिर्फ शायरी की तरह।
जानता हू मुझको भी एक दिन
वक्त बदल देगा डायरी की तरह।
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