फिक्र ना करो हम हदो को जानते है,
तुमको पहचानते है खुद को भी जानते है।
सागर की लहरो को पहचानते है
किनारो को बाखुबी जानते है,
कितने डूबे कितने बह गये
हर एक को जानते है
जो हसता है,जानते है
कौन डसता है पहचानते है
उड़ते उड़ते फलक मे खो बैठे पंखो को
इसलिये कहते है,फिक्र ना करो,
सरहदो को हम पहचानते है।
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