ऊंचाई और सीढीया
एक दुसरे के बीच की दुरी है ,
क्रिया बीच की कड़ी
ऊंचाई न पाने का मतलब
सीढीया तोडना नहीं होता।
आज
जब मेरे आस पास की दुनिया बदल गयी
और एक ऐसी हवा चल गयी है
जिसे हर कोई पीठ देना चाहता है ,
ऐसे मे
जिंदा हू आज के लिए
दो गज कपड़ा
पाव भर अनाज के लिए
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