गुरुवार, 18 अक्टूबर 2012

सच


मै सच बोलता हू
आजमा के देख लेना।
आजमाने से पहले सौ बार सोच लेना,
दिल तुमहारा टूट ना जाये
क्योकी मै सच बोलता हू
और तुम भी तो मुझे
अपना आइना समझते हो,
कया तुम्हे अच्छा लगेगा
कि आइना तुमहारा सच ना बोले।

मंगलवार, 16 अक्टूबर 2012

खिलौने

सब के सब खिलौने मे बहक जाते है,
बेटा रबर के गुड्डे मे,
बाप चमड़े के गुड्डे मे।

आमने सामने

अबकी बार बात, आमने सामने होगी। 
मै भी तो देखू,कैसे आँखे झूठ बोलती है।

बात

बात अधुरी न छोड़ा करो
मेरे जागते न सोया करो
गर उजाले मे ना मिले 
अन्धेरे मे हाथ बढाया करो।