Bebak Baat
जीने भले मत दो . मरने से नही रोक पाओगे
मंगलवार, 31 जनवरी 2012
तेरे शहर में
हम तो तेरे शहर में आये थे जीने के लिये
जीने तो तुने न दिया न छोड़ा मरने के लिये
।
तैयार तो मै यु ही था खुद को खोने के लिये
खोद तुने मेरा कब्र दिया, चैन से सोने के लिये
।
शुक्रवार, 27 जनवरी 2012
पुरी कहानी ।
तुम्हे जो दिखता सिर्फ एक बुंद पानी है,
मेरे जीवन की ये पुरी कहानी है।
तुम्हारे बिना येअधुरी जवानी है,
मेरी कहानी कि सिर्फ यही निशानी है।
बुधवार, 25 जनवरी 2012
पत्थर दिल
हिलते डुलते पत्थरो को जो इनसान समझ लेते है,
चोट मिलने पर हम कहते है,वो तो पत्थर दिल है
आदमी को आदमी नही समझते,
पत्थर पर रोज माथा पटकते है,
चोट तो लगनी है ,चीख भी निकलेगी,
नाहक इस तरह चिल्लाया न करो।
नई पोस्ट
पुराने पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
सदस्यता लें
संदेश (Atom)